जागरण याहू (Jagran.Yahoo.com)
May 08, 12:32 am, शमला : भाजपा के प्रदेश मामलों के प्रभारी सतपाल जैन ने यूपीए सरकार से मांग की है कि महिला आरक्षण विधेयक को जुलाई में शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में पास किया जाए, ताकि अगले लोकसभा और राज्यसभा चुनाव महिला आरक्षण के आधार पर हो सकें। उन्होंने दावा किया कि भाजपा हमीरपुर लोकसभा उपचुनाव रिकार्ड मतों से जीतेगी और उनका लक्ष्य हर बूथ पर कांग्रेस को शिकस्त देने का है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल भाजपा के स्टार प्रचारक हैं। वे बुधवार को शिमला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
जैन ने कहा कि भाजपा महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में है और सरकार को इस विधेयक को पास करने में गंभीरता से प्रयास करने चाहिए। कुछ लोग ओबीसी और अल्पसंख्यक को आरक्षण का बहाना लेकर इस बिल का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस पर बाद में भी बात हो सकती है। उन्होंने कहा कि भाजपा जुलाई के संसद के मानसून सत्र में इस बिल का समर्थन करेगी। भाजपा महिला आरक्षण की समर्थक है और हिमाचल में तो सरकार ने स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दे दिया है।
जैन ने दावा किया कि हमीरपुर लोकसभा उपचुनाव को भाजपा रिकार्ड मतों से जीतेगी। उपचुनाव भाजपा ने नहीं थोपा है। यह चुनाव तो होना ही था, क्योंकि प्रेम कुमार धूमल को प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहती थी। उपचुनाव में यूपीए सरकार के चार साल की नाकामी और प्रदेश सरकार के चार माह में हुआ विकास मुद्दा है। भाजपा की लड़ाई कांग्रेस के साथ है मगर कांग्रेस की लड़ाई किसके साथ है वही जाने।
भाजपा वंशवाद के खिलाफ
प्रदेश भाजपा प्रभारी सतपाल जैन ने कहा कि भाजपा वंशवाद के खिलाफ थी, है और रहेगी। उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर को लोकसभा उपचुनाव में उतारना वंशवाद नहीं हैं, क्योंकि वह काफी साल से पार्टी में सक्रिय रहे हैं और कई चुनावों में अहम भूमिका निभा चुके हैं। वंशवाद वह है जिसमें पार्टी में कोई योगदान न हो और सीधे चुनाव में उतर जाते हैं जैसा कांग्रेस में होता है। उन्होंने कांग्रेस से पूछा कि राहुल गांधी का क्या किसी भी फील्ड में क्या योगदान है।
विवेकानंद ट्रस्ट में पारदर्शिता
सतपाल जैन का कहना है कि विवेकानंद ट्रस्ट में पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य हो रहा है। इसे लेकर शांता कुमार को 'अंडर हैंड' कोई डील नहीं कर रहे हैं। इस बारे में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को थोड़ा इंतजार करना चाहिए। अगर उन्हें कोई शंका है तो उसे सामने रखें। ट्रस्ट की गतिविधियां पूरी तरह से पारदर्शी हैं और वीरभद्र सिंह आरटीआई के तहत या फिर विधानसभा में प्रश्न के माध्यम से सारी जानकारी ले सकते हैं।