दैनिक ट्रिब्यून
चंडीगढ़, 11 दिसम्बर। केंद्रीय वित्त मंत्रालय और योजना आयोग ने प्रशासन को अतिरिक्त प्लान बजट देने से साफ इनकार कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने अतिरिक्त प्लान बजट में केंद्र से 204 करोड़ रुपये तथा नॉन प्लान में 830 करोड़ रुपये मांगे थे। केन्द्र सरकार ने चंडीगढ़ के योजनागत खर्च में पिछले वित्त वर्ष की अपेक्षा मामूली वृद्धि ही की थी, जबकि गैर योजनागत बजट में गत वित्त वर्ष की अपेक्षा लगभग 10 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गई थी। इतना ही प्रशासन ने चालू वित्त वर्ष के लिये जो अनुमानित बजट केन्द्र सरकार को भेेजा था उसमें योजनागत मद में लगभग 50 प्रतिशत की व गैर योजनागत मद में लगभग 400 करोड़ का कट लगाया था।
चालू वित्त वर्ष 2010-11 के लिये चंडीगढ़ प्रशासन को वार्षिक बजट के रुप में केन्द्र सरकार से 1938 करोड़ रुपये मिले थे। इसमें योजनागत खर्च के लिये 450.91 करोड़ व गैर योजनागत खर्च के लिये 1466 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जबकि चंडीगढ़ प्रशासन ने 2666 करोड़ रुपये मांगे थे। इसमें योजनागत खर्च के लिये 800 करोड़ व गैर योजनागत खर्च के लिये 1866 करोड़ का प्रावधान करने की मांग की गई थी।
चंडीगढ़ के पूर्व सांसद एवं भाजपा के विधि एंव संसदीय कार्य प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रभारी सत्यपाल जैन ने केन्द्र सरकार द्वारा चण्डीगढ़ के विकास के लिये मांगी गई 1034 करोड़ रुपये की राशि में भारी कटौती करके उसे मात्र 381 करोड़ मंजूर करने के निर्णय की आलोचना करते हुये आरोप लगाया है कि केन्द्र की कांग्रेस की वर्तमान सरकार चण्डीगढ़ के विकास कार्यों पर ”ब्रेक” लगाने का काम कर रही है।
आज यहां जारी एक बयान में जैन ने कहा कि इस कटौती के सबसे बुरा असर शहर में गरीब लोगों के लिये बन रही पुनर्वास योजनाओं, स्वस्थ्य सेवाओं, शिक्षा एंव कृषि, ग्रामीण विकास तथा औद्योगिक विकास की योजनाओं पर पड़ेगा।
सत्यपाल जैन ने कहा कि केंद्र की मंशा से जाहिर होता है कि वह चंडीगढ़ के विकास को बढ़ावा देने के बजाय इस पर ब्रेक लगाना चाहती है। चंडीगढ़ को उसकी जरूरतों के मुकाबले बेहद कम पैसा देने से यहां विकास एवं पुनर्वास परियोजनाएं, शिक्षा, उद्योग तथा भूमि अधिग्रहण के बदले भूमि मालिकों को मुआवजे का भुगतान आदि कार्य सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
भाजपा नेता ने चंडीगढ़ के सांसद को संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि जिन्होंने चंडीगढ़ में 25000 फ्लैटों का निर्माण तथा प्रत्येक सैक्टर में स्कूल, अस्पताल और सामुदायिक केंद्रों का निर्माण, भूमि अधिग्रहण के बदले चार करोड़ रूपए का मुआवजा दिलाने, शहर में मैट्रो चलाने के नाम पर लोगों से वोट मांगे वे अब इन परियोजनाओं के लिए चंडीगढ़ प्रशासन को पैसा देने से इनकार कर रहे हैं।
श्री जैन ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह चंड़ीगढ़ को विकास के लिए मांगी गई राशि को तत्काल मंजूरी दे ताकि उक्त परियोजनाएं पूरी हों शहरवासियों को राहत मिल सके।
उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ प्रशासन ने अतिरिक्त प्लान बजट में केंद्र से 204 करोड़ रुपये तथा नॉन प्लान में 830 करोड़ रुपये मांगे थे। केन्द्र सरकार ने चंडीगढ़ के योजनागत खर्च में पिछले वित्त वर्ष की अपेक्षा मामूली वृद्धि ही की थी, जबकि गैर योजनागत बजट में गत वित्त वर्ष की अपेक्षा लगभग 10 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गई थी। इतना ही प्रशासन ने चालू वित्त वर्ष के लिये जो अनुमानित बजट केन्द्र सरकार को भेेजा था उसमें योजनागत मद में लगभग 50 प्रतिशत की व गैर योजनागत मद में लगभग 400 करोड़ का कट लगाया था।
चालू वित्त वर्ष 2010-11 के लिये चंडीगढ़ प्रशासन को वार्षिक बजट के रुप में केन्द्र सरकार से 1938 करोड़ रुपये मिले थे। इसमें योजनागत खर्च के लिये 450.91 करोड़ व गैर योजनागत खर्च के लिये 1466 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जबकि चंडीगढ़ प्रशासन ने 2666 करोड़ रुपये मांगे थे। इसमें योजनागत खर्च के लिये 800 करोड़ व गैर योजनागत खर्च के लिये 1866 करोड़ का प्रावधान करने की मांग की गई थी।
चंडीगढ़ के पूर्व सांसद एवं भाजपा के विधि एंव संसदीय कार्य प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रभारी सत्यपाल जैन ने केन्द्र सरकार द्वारा चण्डीगढ़ के विकास के लिये मांगी गई 1034 करोड़ रुपये की राशि में भारी कटौती करके उसे मात्र 381 करोड़ मंजूर करने के निर्णय की आलोचना करते हुये आरोप लगाया है कि केन्द्र की कांग्रेस की वर्तमान सरकार चण्डीगढ़ के विकास कार्यों पर ”ब्रेक” लगाने का काम कर रही है।
आज यहां जारी एक बयान में जैन ने कहा कि इस कटौती के सबसे बुरा असर शहर में गरीब लोगों के लिये बन रही पुनर्वास योजनाओं, स्वस्थ्य सेवाओं, शिक्षा एंव कृषि, ग्रामीण विकास तथा औद्योगिक विकास की योजनाओं पर पड़ेगा।
सत्यपाल जैन ने कहा कि केंद्र की मंशा से जाहिर होता है कि वह चंडीगढ़ के विकास को बढ़ावा देने के बजाय इस पर ब्रेक लगाना चाहती है। चंडीगढ़ को उसकी जरूरतों के मुकाबले बेहद कम पैसा देने से यहां विकास एवं पुनर्वास परियोजनाएं, शिक्षा, उद्योग तथा भूमि अधिग्रहण के बदले भूमि मालिकों को मुआवजे का भुगतान आदि कार्य सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
भाजपा नेता ने चंडीगढ़ के सांसद को संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि जिन्होंने चंडीगढ़ में 25000 फ्लैटों का निर्माण तथा प्रत्येक सैक्टर में स्कूल, अस्पताल और सामुदायिक केंद्रों का निर्माण, भूमि अधिग्रहण के बदले चार करोड़ रूपए का मुआवजा दिलाने, शहर में मैट्रो चलाने के नाम पर लोगों से वोट मांगे वे अब इन परियोजनाओं के लिए चंडीगढ़ प्रशासन को पैसा देने से इनकार कर रहे हैं।
श्री जैन ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह चंड़ीगढ़ को विकास के लिए मांगी गई राशि को तत्काल मंजूरी दे ताकि उक्त परियोजनाएं पूरी हों शहरवासियों को राहत मिल सके।