आईबीएन-7
Oct 12, 2010: बैंगलोर। कर्नाटक में येदुरप्पा सरकार को लेकर चल रहे सियासी ड्रामे में नया मोड़ आ गया है। हाईकोर्ट से राहत पाने गए 11 बीजेपी विधायकों का केस तो कोर्ट ने सुन लिया लेकिन पांच निर्दलीय विधायक गलती से कोर्ट में ये याचिका दायर कर बैठे कि उन्होंने कभी बीजेपी छोड़ी नहीं है। जब सरकार के वकील ने कोर्ट का ध्यान इस ओर दिलाया तो याचिकाकर्ताओं के वकील ने इसे तकनीकी खामी बताया और सुधार का मौका मांगा। इसपर कोर्ट ने उन्हें 18 अक्टूबर की तारीख दी है। ...
... सरकार के वकील सतपाल जैन ने दावा किया है कि कोर्ट ने अयोग्य करार दिए गए विधायकों को किसी तरह की राहत नहीं दी है और न ही स्पीकर की इस कार्रवाई पर कोई रोक लगाई है।
दरअसल कोर्ट में बीजेपी के 11 विधायकों और पांच स्वतंत्र विधायकों ने अपनी सदस्यता खत्म करने के स्पीकर के फैसले के खिलाफ अलग-अलग याचिका दायर की थी।
... इसके बाद पांच स्वतंत्र विधायकों ने भी याचिका दायर की। उनकी याचिका में भी यही लिखा हुआ था कि उन्होंने बीजेपी छोड़ी नहीं है। इसलिए इनके खिलाफ दलबदल कानून के तहत स्पीकर की कार्रवाई का कोई आधार नहीं है। इसपर सरकार के वकील सतपाल जैन ने कहा कि स्वतंत्र विधायक खुद मान रहे हैं कि उन्होंने बीजेपी छोड़ी नहीं है। इससे साबित होता है कि वे बीजेपी के ही विधायक हैं। इसपर इन विधायकों के वकील ने कहा कि ये सिर्फ एक तकनीकी गलती है और इसे सुधारने की उन्हें इजाजत दी जाए। कोर्ट ने उन्हें 18 अक्टूबर को दोपहर ढाई बजे का वक्त दिया है। बीजेपी के वकील सतपाल जैन ने दावा किया है कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता है तब तक इन विधायकों को विश्वास मत के दौरान वोटिंग नहीं करने दी जाएगी। ...