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चंडीगढ़. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रशासन के 17 जुलाई 2007 के पेड पार्किग बारे प्रस्ताव को रद्द कर दिया। जिस पर नगर निगम ने 21 मार्च 2007 को रोक लगाने की मंजूरी दी थी। इस पर हाईकोर्ट ने प्रशासन से कहा है कि नगर निगम के पारित प्रस्ताव की एवज में मांगे गए जवाब पर विचार करके सुनवाई का मौका देने पर ही निर्णय लें। इसके लिए प्रशासन दो महीने का समय दिया है।
... इसमें याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट सत्यपाल जैन एवं धीरज जैन और प्रशासन की ओर से संजय कौशल, संजीव घई तथा निगम की ओर से लीजा गिल ने पैरवी की। याचिकाकर्ता की ओर से सत्य पाल जैन ने कहा कि 21 मार्च 2007 को चुने गए पार्षदों ने बहुमत से पार्किग समाप्त करने का प्रस्ताव पास किया था। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने 21 जून 2007 में उसपर रोक लगाते हुए निगम को 10 दिन के भीतर अपना पक्ष देने को कहा था। उस नोटिस को निगम की 8 जून को हुई मीटिंग में रखा गया। उसमें दो पार्षदों की कमेटी द्वारा जवाब देने को कहा गया। उसका इंतजार किए बिना ही प्रशासन ने 17 जुलाई 2007 को निगम के प्रस्ताव को रद्द कर दिया। जैन ने कहा कि पेड पार्किग हो या नहीं, यह फैसला निगम के अधिकारक्षेत्र में आता है, निगम का जवाब सुने बगैर प्रस्ताव रद्द नहीं किया जा सकता।