चंडीगढ़ भास्कर
चंडीगढ़. पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता सत्यपाल जैन का कहना है कि लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट कोई न्यायिक फैसला कम और आरएसएस व भाजपा के खिलाफ थिसिस ज्यादा लग रहा है। उनके मुताबिक यह रिपोर्ट लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को टारगेट बनाकर लिखी गई है। ...
सत्यपाल जैन इस मामले में भाजपा नेताओं के वकील भी हैं। उनका कहना है कि लिब्रहान आयोग ने आयोध्या में 6 दिसंबर, 1992 को गिरे विवादित ढांचे की जांच रिपोर्ट 17 साल के बाद 30 जून, 2009 को केंद्र सरकार को सौंप दी थी। सरकार की इसे विभिन्न चरणों में लीक करने की मंशा थी। कुछ अखबारों और टीवी चैनलों में यह रिपोर्ट लीक होने के बाद जब भाजपा ने इसका विरोध किया तो मंगलवार को आयोग की रिपोर्ट दोनों सदनों में रखी गई है।
उनका कहना हैं कि यह रिपोर्ट लीक होने की केंद्रीय गृह मंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उनके मुताबिक इस रिपोर्ट की एक कॉपी जस्टिस लिब्रहान के पास थी तो दूसरी कॉपी प्रधानमंत्री को दी गई थी।...
...उनके मुताबिक आयोग ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उससे देश हक्का-बक्का रह गया है।
इसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, स्वर्गीय प्रमोद महाजन को भी दोषी ठहराया गया है जबकि आयोग ने अपने कार्यकाल में उन्हें सम्मन तक जारी नहीं किया। दूसरी तरफ पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत नरसिम्हा राव आयोग के सामने पेश हुए थे जिनकी एविडेंस भी हुई लेकिन आयोग ने उनकी भूमिका का कोई जिक्र भी नहीं किया है।
जैन ने लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट को तर्कहीन, अर्थहीन बताते हुए कहा कि इसमें साक्ष्यों की सही ढंग से व्याख्या नहीं की गई है।...
आडवाणी को रोका था
पूर्व सांसद सत्यपाल जैन ने कहा कि वर्ष 1992 में विवादित ढांचा गिरने के समय लाल कृष्ण आडवाणी लोगों को रोकने के लिए उनके बीच जाना चाहते थे लेकिन उनकी सुरक्षा अधिकारी आईपीएस अंजू गुप्ता रिजवी ने सुरक्षा कारणों से उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी थी। ...